जन्मकुंडली पर हमारा कोई वश नहीं है हमें पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार भाग्य मिलता है परंतु बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि कभी-कभी लोगों को दो शादियां बोल कर इतना डरा दिया जाता है कि लोग पहले से ही यह समझ लेते हैं कि उनकी दो शादियां होंगी ताली दो हाथ से बजती उसी तरह शादी का टूटना या टिकना एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं होता।
जिन लोगों की कुंडली में दो शादी का योग होता है उन्हें ऐसे व्यक्ति से शादी करनी होती है जिनकी कुंडली में किसी भी प्रकार से दो शादी का योग ना हो अन्यथा शादी टूट जाती है और दोबारा शादी करनी पड़ती है इस तरह से सात फेरे जब तक 14 फेरे की गिनती तक ना पहुंच जाएं तब तक जातक दांपत्य जीवन में सुखी नहीं रहता।
आपकी जन्म कुंडली के सातवें घर में यदि एक से अधिक बलवान ग्रह मौजूद है तो शादी के संबंध भी एक से अधिक हो सकते हैं।
उनके लिए जिनकी शादी हो चुकी है
यदि आपके और आपके जीवनसाथी के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है और यदि आपको लगता है कि आपकी शादी टूट जाएगी तो अपने उसी साथी के साथ एक बार फिर से शादी कीजिए 14 फेरों का यह संजोग आपके विवाह को टूटने से बचा सकता है।
उनके लिए जिनकी शादी अभी नहीं हुई है
यदि आपकी कुंडली में दो शादी का योग है तू शादी से पहले कुंभ विवाह कीजिए कुंभ विवाह लड़कियों के लिए होता है इसमें आपकी शादी एक पानी के घड़े से हो जाती है सात फेरे होते हैं शादी के मंत्र पढ़े जाते हैं और बाद में शादी के उपरांत उस घड़े को तोड़ दिया जाता है ध्यान रहे घड़े को तोड़ना जरूरी होता है क्योंकि यह संकेत है इस बात का कि आप की पहली शादी टूट गई।
इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको केवल इतना बताना चाहता हूं कि कुंडली का कोई भी दोष कर्म से बड़ा नहीं होता। यदि आपकी कुंडली में कोई दोष बताया गया है तो स्वयं ज्योतिष सीखिए और सच जानने की कोशिश कीजिए फिर भी यदि आपको लगे कि हम आपकी कोई मदद कर सकते हैं तो हमसे संपर्क कीजिए
अशोक प्रजापति
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